प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में भाग लिया. उनके साथ केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे. पीएम ने इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय की 3 इमारतों टेक्निकल बिल्डिंग, कंप्यूटर सेंटर और एकेडमिक ब्लॉक की आधारशिला भी रखी और कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. पीएम मोदी दिल्ली मेट्रो की सवारी करके दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे. उन्होंने मेट्रो में यात्रियों से बातचीत भी की. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कोई भी देश हो उसकी यूनिवर्सिटीज…शिक्षण संसथान, उसकी उपलब्धि का सच्चा प्रतीक होते हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि एक मूवमेंट रही है. इस यूनिवर्सिटी ने हर मूवमेंट को जिया है, इस यूनिवर्सिटी ने हर मूवमेंट में जान भर दी है. पीएम मोदी ने कहा, ‘जब भारत में नालन्दा जैसे विश्वविद्यालय थे, तब भारत सुख और समृद्धि के शिखर पर था. जब भारत में तक्षशिला जैसे संस्थान थे, तब भारत का विज्ञान दुनिया का मार्गदर्शन करता था…ये वो समय था जब दुनिया में भारत की जीडीपी में हिस्सेदारी बहुत बड़ी थी.’ उन्होंने कहा, डीयू में केवल तीन कॉलेज हुआ करते थे और अब 90 से अधिक कॉलेज डीयू का हिस्सा हैं. आज डीयू में लड़कों से ज्यादा लड़कियां पढ़ती हैं. इसी प्रकार भारत में भी लिंगानुपात में काफी सुधार हुआ है. यानी जिस देश में शैक्षणिक संस्थानों की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, उस देश की शाखाएं उतनी ही ऊंचाई तक आसमान छूती हैं. आज देशभर में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों का निर्माण हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, एम्स जैसे शैक्षणिक संस्थानों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ये संस्थान नए भारत की आधारशिला हैं.