रिपोर्टर दिनकर प्रकाश जोशी
सोमेश्वर- अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर विधानसभा के दिरोड़ी देवी मंदिर में सोमवार को ग्रामसभा अर्जुनराठ पूर्व ब्लाक प्रमुख दीपक बोरा ने मूर्ति स्थापना की। ग्रामीणों ने माता की मूर्ति को डोली में बिठाकर अर्जुन राठ से दिरोड़ी देवी मंदिर रनमन तक कलश यात्रा निकाल कर देवी मंदिर में साथ ही गणेश जी मूर्ति स्थापित की। मंदिर में आचार्य ने विघि – विघान, पूजा अर्चना के गणेश, देवी की मूर्ति स्थापित की। वहीं फ़लूड़ा मल्ला खोली अर्जुनराठ भानाराठ टाना सजौली नारंटोली भंवरी रनमन आदि के श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। आपकों बता दें कि दिरोड़ी देवी मंदिर कोसी नदी के किनारे पर स्थित है। मंदिर ग्राम पंचायत भवरी रनमन में स्थित हैं । यह गुफा वासिनी- माता भगवती (वैष्णवी) के बारे बताया जाता हैं, कि इस माता की गुफा की काफी अर्से से माता मंदिर के रुप में पूजा – अर्चना की जाती हैं ।लोगों का मानना हैं कि माता साक्षात रुप धारण कर पहले कई जनों को दर्शन भी देते आई हैं । मान्यता है कि जो माता के गुफा से सदा पानी निकलते रहता है यह हरिद्वार से गंगा माता का शुद्ध गंगाजल है । इससे स्नान करने/ पीने से काफी रोगों से छुटकारा मिलता हैं जैसे कि दाद- खाज ,खुजली ,छुआछूत ,तथा अन्य चर्मरोग आदि।कहां जाता हैं कि अर्से पहले एक सन्त महात्मां अपने साथ एक कुत्ते को लेकर इस गुफा से हरिद्वार चले और पहुंचे।इसके अलावा यहां पर सच्चे मन जो कोई माता से मन्नत मांगता है । माता उसको पूर्ण करती हैं । फिर लोगों भक्तो द्वारा यहां पर घंटी , घंटा ,चुनरी तथा साबुत नारियल भी चढ़ाया जाता हैं । यहां पर बलिदान भी नहीं होता क्योकि माता बैष्णवीं हैं जहा पर नदी मे तालाब भी है ।जिसमे गांव के लोगों एवं क्षेत्रीय लोगों के द्वारा मछलियों का संरक्षण किया गया है। हजारों-हजार की संख्या मछलियां लोगों को देखने को मिलती हैं ।लोगों द्वारा मछलियों को परवल ,खीलें और चावल आंटा भी खिलाया जाता हैं।लगभग 20 बर्ष पहले यहां पर गांव व क्षेत्रीय लोगों के सहयोग से तीन बर्ष तक देवी भागवत कथा का आयोजन भी किया गया । अभी पुन:कुछ लोगों द्वारा अगले बर्ष भी देवी भागवत कथा के आयोजन पर बिचार हो रहा हैं ।पहले माता के मंदिर (गुफा) में जाने के लिए दो बार कोसी नदी को आर -पार करना पढ़ता था। मगर अभी -अभी पहाड़ की ओर पैदल पुल का निर्माण जगतसिंह भण्डारी भवरी के प्रयास व गांव/ग्राम पंचायत/नवयुवक मंगल दल/महिला मंगल दल के सहयोग से हो गया है ।अब नदी आर-पार नही करना होता है । मगर यह रास्ता भवरी गांव की ।