विज्ञान में सिर को उत्तरी ध्रुव और पैरों को दक्षिणी ध्रुव माना गया है। जब हम बड़ों के पैर हाथों से छूते हैं तो विद्युत चुम्बकीय ऊर्जा का चक्र पूरा हो जाता है। गुरुत्वाकर्षण के नियम के आधार पर शरीर के दक्षिणी ध्रुव यानी पैरों में ऊर्जा का केंद्र बन जाता है।

इसी पौराणिक और पूजनीय परंपरा अमली जामा पहनाते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड आये शिवभक्त कावड़ियों के चरण धोकर स्वागत किया। इस प्रकार उन्होंने सनातन संस्कृति के संरक्षण का कार्य को बढ़ावा दिया।

उन्होंने विभिन्न प्रदेशों से देवभूमि उत्तराखण्ड आये शिवभक्त कावड़ियों के चरण धोकर एवं उन्हें सम्मान स्वरूप गंगाजल भेंट कर उनका स्वागत किया।

उन्होंने कहा की हरिद्वार पूरे देश की श्रद्धा का केंद्र है। इस पवित्र जगह मां गंगा एवं भगवन भोलेनाथ का विशेष आशिर्वाद है। श्रावण मास में कावड़ यात्रा का विशेष महत्व है। राज्य सरकार को कावड़ियों का स्वागत करने का सौभाग्य मिला है। कावड़ यात्रा को सुगम एवम सुरक्षित बनाकर सरकार इस यात्रा में कावड़ियों का सहयोगी बनकर कार्य करेगी। कावड़ियों की सेवा करना ना केवल सरकार का बल्कि सभी प्रदेशवासियों के लिए पुण्य का काम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कावड़ यात्रा के लिए विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य कैंप, शौचालय, पार्किंग, टीन शेड, विश्राम स्थल की पर्याप्त व्यवस्था की है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष व्यवस्थाओं को और अधिक सुधारा गया है। उन्होंने कहा पिछले वर्ष कावड़ यात्रा में करीब चार करोड़ कावड़िए उत्तराखंड आए थे। भगवान भोलेनाथ की कृपा से पिछले वर्ष की यात्रा सकुशल संपन्न हुई। उन्होंने कहा इस वर्ष भी पिछले वर्षों से भी बड़ी संख्या में कांवड़ियों के उत्तराखंड आने की संभावना है जिसके लिए शासन और प्रशासन पूरी तरह तैयार है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का हमेशा से ही उत्तराखंड सके प्रति विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में एक नए भव्य एवं दिव्य केदारनाथ का निर्माण हुआ है। बद्रीनाथ में मास्टर प्लान पर कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में काशी विश्वनाथ, महाकाल जैसे विभिन्न मंदिरों का पुनर्निर्माण कार्य भव्यता के साथ चल रहा है। उन्होंने कहा आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना विश्व स्तर पर हो रही है और उन्होंने भारत की विश्व पटल पर सर्वोच्च स्थान पर खड़ा कर दिया है।

कांवड़ मेले के सुचारू प्रबंधन के लिए मुख्यमंत्री ने सामाजिक संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं के कार्यों की भी सराहना की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कावड़ियों के स्वास्थ्य संबंधित पर्याप्त व्यवस्था विभिन्न स्थानों पर सुनिश्चित करें और इस मामले में कोई भी कोताई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही कावड़ पट्टी के प्रत्येक स्थान पर साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश भी पारित किए। पैदल जा रहे कावड़ियों की सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने को भी कहा गया।

हिंदू धर्म में पैर छूने की परंपरा बहुत पुरानी है. यह दूसरों के प्रति आदर और श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है।भक्ति और समर्पण की भावना से लोग चरणों को स्पर्श करके आशीर्वाद लेते हैं। पैर छूकर लोग देवी-देवताओं, संतों, महात्माओं, गुरुओं और बड़े-बुजुर्गों के के प्रति सम्मान व्यक्त करते हैं।

अपने स्तर पे मैं समझता हूं के हम सब को इस परंपरा और इसके महत्व की संपूर्ण जानकारी अपने बच्चों को और तमाम युवा वर्ग को तफसील से देनी चाहिए।

इस पौराणिक परंपरा को सत सत नमन।

By SANOOJ

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