देहरादून: उत्तराखंड में अगले वित्तीय वर्ष से 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं को एक बार फिर जोर का झटका लगने वाला है। यूपीसीएल ने बिजली की दरों में भारी भरकम बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दलों को 23 से 27 प्रतिशत तक बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड में बिजली की दरें लगातार उपभोक्ताओं की जेबें ढीली कर रही हैं। इस वित्तीय वर्ष में ही हर महीने बिजली की दरें बदलने के फैसले पर मुहर लगी थी। इन दरों ने अभी भी उपभोक्ताओं को उलझाया हुआ है। वहीं अब यूपीसीएल ने नए वित्तीय वर्ष से बिजली की दरों में भारी-भरकम वृद्धि करने का फैसला लिया है। यूपीसीएल मुख्यालय में शनिवार को यूपीसीएल बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अप्रैल 2024 से बिजली की दरों को बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी। हालांकि अभी बढ़ी हुई दरों पर विद्युत नियामक आयोग सुनवाई करेगा। उसके बाद ही इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। उत्तराखंड में हर वर्ष बिजली की दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला चल रहा है। इस इस साल बिजली की दरों में 9.64 प्रतिशत जबकि पिछले साल 2.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इस वर्ष अप्रैल में दरों में बढ़ोतरी होने के साथ ही बिजली की दरें हर महीने बदल रही हैं। जिससे कई उपभोक्ता इन दरों के चक्कर में उलझ रहे हैं। वहीं अलग-अलग तरह के सरचार्ज में भी बदलाव हो रहा है जिससे लोगों को बिजली की बिलों को लेकर चल रहा गणित समझ में नहीं आ रहा है। यूपीसीएल की बोर्ड बैठक में बिजली की दरों को बढ़ाने की मंजूरी तो मिल गई है लेकिन नए वित्तीय वर्ष में यह दरें लागू करना यूपीसीएल के लिए चुनौती पूर्ण होगा क्योंकि अगले साल देश में आम चुनाव होने हैं जिसकी प्रक्रिया मई माह तक चलेगी। ऐसे में नए वित्तीय वर्ष से बिजली की दरें बढ़ाना मुश्किल हो सकता है। प्रदेश में बिजली की दरों बढ़ने से 27 लाख उपभोक्ताओं पर इसका असर पड़ेगा। बोर्ड बैठक में यूपीसीएल ने बिजली की डरो को बढ़ाने के पीछे तर्क दिया है कि इस साल एसजेवीएनएल ने अपने दरों में 38.46 प्रतिशत, टीएचडीसी ने 19.39 प्रतिशत, एनटीपीसी ने 72.28 प्रतिशत, यूजेसीएनएल ने 24.1 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। ऐसे में यूपीसीएल को बिजली की दरें 23 से 27 प्रतिशत तक बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी।