मेरठ, वरिष्ठ संवाददाता। जिले में दूध और दूध से बने उत्पादों के नाम पर मीठा जहर बेचा जा रहा है। हलवाई जहां मिलावटी मावा और पनीर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वहीं घर-घर में पाउडर व रिफाइंड से तैयार दूध सप्लाई किया जा रहा है। इसका खुलासा खाद्य विभाग द्वारा लिए गए दूध व अन्य खाद्य पदार्थों जैसे तेल-मिठाई के नमूनों की रिपोर्ट से हुआ है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने एक अप्रैल 2023 से लेकर 31 मार्च 2024 तक विभिन्न स्थानों से कुल 796 खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे थे। इसमें से 736 नमूनों की रिपोर्ट आई, जिसमें 405 नमूने जांच में फेल पाए गए। सबसे ज्यादा मिलावट दूध और उससे बने उत्पादों जैसा मावा और पनीर में पाई गई। इस मामले में विभाग की ओर से पिछले वर्ष जांच में खाद्य पदार्थों के आधे से ज्यादा नमूने हो गए फेल एडीएम सिटी के न्यायालय में 188 मुकदमे दर्ज कराए गए। जबकि 47 मुकदमे एसीजेएम की कोर्ट में दर्ज कराए गए। एडीएम सिटी के कोर्ट से पूरे साल में 356 केसों की सुनवाई की गई। इसमें मिलावटी पदार्थ बेचने वालों से पांच करोड़ 23 लाख 65 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। मिलावटी दूध बेचने पर एक करोड़ 30 लाख 65 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया। मिलावटी मावा बेचने पर 38 लाख 80 हजार रुपये, पनीर बेचने पर 39 लाख 80 हजार और मिलावटी खाद्य तेल बेचने पर 34 लाख 40 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया।