परिवहन मुख्यालय ने इसके लिए निविदा प्रक्रिया से एक कंपनी का चयन कर लिया है। ग्रीन सेस वसूली का सॉफ्टवेयर भी तैयार हो गया है। केंद्र की परिवहन समेत अन्य संबंधित वेबसाइटों से इसे जोड़ा जा रहा है। 15 जून के बाद उत्तराखंड आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस की वसूली की जाएगी। इसकी तैयारी परिवहन मुख्यालय ने तेज कर दी है। कंपनी का चयन होने के बाद सॉफ्टवेयर तैयार हो चुका है। आने वाले समय में उत्तराखंड की सीमा में जो भी बाहरी राज्यों के वाहन प्रवेश करेंगे, उनसे स्वत: ग्रीन सेस कट जाएगा। शुरू में इसके लिए फास्टैग से वसूली की योजना थी लेकिन अब ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरों के माध्यम से ग्रीन सेस की वसूली होगी। वाहन के प्रवेश के समय नंबर प्लेट को यह कैमरा पहचान कर लेगा। इसी नंबर के आधार पर फास्टैग खाते से पैसा कट जाएगा। परिवहन मुख्यालय ने इसके लिए निविदा प्रक्रिया से एक कंपनी का चयन कर लिया है। ग्रीन सेस वसूली का सॉफ्टवेयर भी तैयार हो गया है। केंद्र की परिवहन समेत अन्य संबंधित वेबसाइटों से इसे जोड़ा जा रहा है। ग्रीन सेस की ऑनलाइन वसूली से लाखों की संख्या में राज्य में प्रवेश करने वाले वाहनों से सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। इसके अलावा सरकार को राज्य की सीमा में आने वाले वाहनों की जानकारी भी बेहतर तरीके से मिलेगी। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि 15 जून के बाद ग्रीन सेस वसूली शुरू करने की योजना है।

ये दरें हैं निर्धारित
वाहन – ग्रीन सेस (रुपये में)
चार पहिया – 40
तीन पहिया – 20
मध्यम वाहन – 60
भारी वाहन – 80
(नोट: तिमाही व सालाना व्यवस्था की गई है)

By SANOOJ

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