विकासनगर- जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि दो-चार दिन पहले विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश के बयान वीरों/ भाषण वीरों (विधायकों/ मंत्रियो )ने जिस प्रकार से सदन का समय खराब कर प्रदेश का अहित किया व धन की बर्बादी की, निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है | मोर्चा इन तमाम विधायकों/ मंत्रियों से सवाल करता है कि प्रदेशहित से जुड़े मुद्दों ,जिनमें प्रदेश 80-90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबा है एवं सात -आठ हजार करोड़ रुपए सालाना उसका ब्याज दिया जा रहा है इसको कैसे कम किया जाए, विधायकों मंत्रियों को लाखों रुपए वेतन -भत्ते के नाम पर दिए जा रहे हैं इसको बंद करने के लिए क्या उनकी जुबान पर ताले लग गए, बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है, किसान व व्यापारी उसके लिए क्या नीति बनाई जाएगी व उसका कल्याण कैसे होगा, इस बारे में कोई बोलने वाला नहीं है, विधायक निधि में 25 से 35 फ़ीसदी कमीशन अधिकारियों एवं विधायकों द्वारा हड़पी जा रही है, ये कमीशन खोरी कैसे समाप्त होगी, कभी सड़क पर उतरकर विरोध किया क्या ! अधिकारी बेलगाम है गए हैं, आमजन की कोई सुनवाई करने को तैयार नहीं है आदि तमाम ऐसे मुद्दे हैं ,जिनको सदन में मजबूती के साथ रखकर कार्य योजना तैयार कराई जानी चाहिए थी, लेकिन सिर्फ अपनी टीआरपी बढ़ाने के लिए उल्टे- सीधे बयान देकर प्रदेश का अहित कर रहे हैं | इन निकम्मे एवं गैर जिम्मेदार बयानवीरों की वजह से सदन नौटंकी का अखाड़ा बनकर रह गया है | नेगी ने कहा कि अधिकांश विधायक/ मंत्री खनन, शराब, ठेकेदारी व जमीनों के काम में व्यस्त हैं,जिसके चलते इनको आमजन का दर्द सुनाई नहीं देता ! मोर्चा प्रदेश की जनता से आग्रह करता है कि ऐसे विधायकों /मंत्रियों को क्षेत्र से खदेड़ने का काम करें, जिससे ये निकम्मे अपना मुंह न दिखा सकें | पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह व सलीम मुजीबुर्रहमान मौजूद थे|
