उत्तराखंड से टैक्स चोरी का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यूं तो शराब की अवैध तरीके से बिक्री और दूसरे राज्यों से शराब लाने की खबरें आती रहती हैं, लेकिन इस बार उत्तराखंड में राज्य की स्पेशल टीमों ने कई ऐसे कारोबारियों को का काला चिठ्ठा उजागर कर दिया जो राज्य के टैक्स की चोरी कर रहे थे. दूसरे राज्यों से करोड़ों रुपये की शराब लाई गई और जब वैट यानी वैल्यू एडेड टैक्स जमा कराने की बारी आई तो कारोबारी कन्नी काट गए शराब के कारोबार में बड़े स्तर पर की जा रही टैक्स चोरी को देखते हुए राज्य कर विभाग स्टेट जीएसटी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच देहरादून ने दून के चार बड़े शराब कारोबारियों के ऑफिसों पर छापेमारी की और कर चोरी से संबंधित 15 करोड़ रुपये के कारोबार की जानकारी सामने आई है. कारोबारियों में ऐसा हड़कंप मच गया कि मौके पर ही राज्य कर के रूप में 54 लाख रुपये मौके पर ही जमा करा दिए गए. ये मामला तब सामने आया जब अधिकारियों को पता चला कि कारोबारियों पर साल 2022-23 में 20 फीसदी की दर से टैक्स की देनदारी थी, जबकि साल 2023-24 में टैक्स की देनदारी 12 प्रतिशत की दर से है. इस तरह कुल 02 करोड़ रुपये का टैक्स जमा नहीं कराया गया है. राज्य कर आयुक्त डॉ.अहमद इकबाल के निर्देश पर अपर आयुक्त गढ़वाल पीएस डुंगरियाल ने संयुक्त आयुक्त एसएस तिरुवा के नेतृत्व में छापेमारी के लिए टीम गठित की जिस टीम ने देहरादून के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की. राज्य कर की इस स्पेशल टीम ने शराब कारोबारियों के चूना भट्टा, कांवली रोड, मोहब्बेवाला और आदर्श नगर क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठान पर जांच की. छापेमारी के दौरान राज्य कर अधिकारियों ने कारोबार से संबंधित तमाम दस्तावेज कब्जे में लिए हैं, जिनकी जांच भी शुरू कर दी गई और जो भी इन व्यापारियों पर बकाया राशि है उसकी वसूली पेनल्टी और ब्याज के साथ की जाएगी.राज्य कर के अधिकारियों ने बताया कि जो भी राज्य कर की चोरी कर रहे हैं ऐसे में सभी कारोबारियों के आबकारी विभाग से कर चोरी करने वाले कारोबारियों का लाइसेंस निरस्त करवाए जाएंगे. दूसरे राज्यों से शराब लाकर प्रदेश में कर जमा न करने वाले कारोबारियों की जानकारी राज्य कर विभाग आबकारी विभाग के माध्यम से एकत्रित करेगा और जो भी इसमें दोषी पाए जाते हैं, उनके खिलाफ राज्य कर कड़ा रुख अपनाएगा और राज्य आबकारी विभाग से ऐसे सभी कारोबारियों के प्रतिष्ठानों के लाइसेंस रद्द कराए जायेंगे