प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ दौरे की धमक से धामी सरकार गदगद है। गढ़वाल में चारधाम यात्रा की तरह कुमाऊं में मानसखंड यात्रा के लिए जो गलियारा तैयार करने का मुख्यमंत्री जो सपना देख रहे हैं, पीएम ने उसे नई उड़ान दे दी है। बकौल पीएम, हमारी सरकार केदारखंड और मानसखंड की कनेक्टिविटी पर बहुत जोर दे रही है। जो लोग केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं, वे आस्था के केंद्र जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकेंगे। मानसखंड मंदिर माला मिशन से कुमाऊं के अनेक मंदिरों तक आना-जाना आसान होगा। पीएम ने सड़क व रेल कनेक्टिविटी के जरिये गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने के लिए आगे का रोडमैप भी दे दिया। वे धामी को हर मदद के लिए आश्वस्त भी कर गए।यही सीएम धामी भी चाहते हैं। पिछले करीब छह महीनों के दौरान जब-जब उनकी पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात हुई, वे उन्हें कुमाऊं आने का न्योता देना नहीं भूले। इसके पीछे उनकी यही मंशा रही कि गढ़वाल की चारधाम यात्रा की तरह तीर्थ यात्री कुमाऊं के पवित्र मंदिरों में दर्शन करने आएं। पीएम ने जिस तरह केदारधाम को वैश्विक पहचान दी है, उसी तरह दुनिया जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत को देखने को उमड़े। जानकारों का मानना है कि पीएम के दौरे से एक नया डेस्टिनेशन तो तैयार हुआ ही है, साथ ही कुमाऊं मंडल के लिए यात्रा को एक नया दृष्टिकोण भी मिल गया। जानकारों का मानना है कि पीएम राजकाज के मोर्चे पर धामी का मनोबल मजबूत कर गए।