राज्यपाल ने ग्राउंड जीरो पर कार्यरत सभी बलों, अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की और कहा कि यह सामूहिक उत्तरदायित्व और टीम भावना का उत्कृष्ट उदाहरण है। कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संकट में आगे आकर इस स्थिति का कुशल नेतृत्व किया, जो आपदा के समय एक आदर्श नेतृत्व की मिसाल है। राज्यपाल ने इस कठिन समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि किसी भी आपदा का प्रभावी सामना करने के लिए त्वरित निर्णय आवश्यक होते हैं। उन्होंने आपदा में किए गए राहत एवं बचाव कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन और विश्लेषण के निर्देश दिए, ताकि भविष्य के लिए रोडमैप तैयार हो सके। राज्यपाल ने यह भी कहा कि मानसून अभी जारी है। आगे कई प्रकार की चुनौतियां आ सकती हैं। इसलिए सभी संबंधित एजेंसियों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहना होगा। राज्यपाल ने आईआईटी रुड़की के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञ टीमों से वर्चुअल संवाद किया। उन्होंने हर्षिल में बनी झील से जल निकासी, धराली-मुखबा पुल की स्थिति एवं उसकी सुरक्षा सहित अन्य महत्वपूर्ण अभियानों की प्रगति की जानकारी ली। टीम ने बताया कि सर्वे का कार्य जारी है और रिपोर्ट शीघ्र शासन को सौंपी जाएगी। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने राज्यपाल को आपदा की पृष्ठभूमि, क्षति का आकलन और अब तक की गई कार्रवाई के बारे में बताया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण विनय रोहिला, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी उपस्थित रहे।

By SANOOJ

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