उत्तराखंड : आप सभी को बताना हैँ कि बीते दिन यानि कल दिनांक 11 अक्टूबर 2023 को ग्राम हरावाला उत्तराखंड राज्य का एक बच्चा जिसका नाम बबलू हैँ उसकी उम्र लगभग 13 वर्ष हैँ अपने घर की छत पर पतंग उड़ा रहा था चुकी घर की छत के पास ही बिजली की 11हजार वाट कि वायर लाइन जा रही हैँ पतंग उड़ाते हुए बच्चे को अचानक बिजली के तारों ने अपनी ओर खींच कर अपनी चपेट में ले लिया और इस कारण से वह बच्चा 75%से भी ज्यादा उसकी बॉडी बिजली के तारों की आग में जल गयी हैँ आनन फानन में बच्चे के माता पिता उसे कैलास हॉस्पिटल ले गए वहा इमरजेंसी में उस बच्चे की थोड़ी बहुत पट्टी दवाई आदि करने के उपरांत वहा के डॉक्टर ने उसे वहा से रेफर किया यह कह कर कि यहां इस बच्चे का इलाज सम्भव ही नहीं हैँ।उसके बाद वह लोग उस बच्चे को लेकर दूँन हॉस्पिटल, व कोरोनेशन लेकर गए वहा भी यह कहकर ही कि यहां इसका इलाज सम्भव नहीं क्योंकि कई यहां मशीन नहीं हैँ इन दोनों हॉस्पिटल में बेड नहीं हैँ, डॉक्टर नहीं हैँ,इस इलाज व परेशानी से सम्बंधित व्यवस्था नहीं हैँ बच्चे को भर्ती नहीं किया गया उसके बाद बच्चे के गरीब माता पिता दर -दर की ठोकरे खाते हुए पीड़ित बच्चे को इन्द्रेस हॉस्पिटल लेकर पहुँचे तो उन्होंने यह कह कर भर्ती नहीं कि यहाँ बेड आदि नहीं हैँ,उसके बाद हिमालयन में भी उपरोक्त बच्चे के लिए जगह खाली नहीं हैँ फिर वहा से रात में 9 से 10 बजे के आसपस कही जाकर ऐम्स ऋषिकेश में पार्टी के कुछ कार्यकर्ता व मिडिया के कुछ साथियो की मदद से उपरोक्त बच्चे को भर्ती किया गया,वह भी बहुत मुश्किलों के साथ , खैर वहा भी घंटो तक इलाज न होने के बाद पीड़ित के माता पिता के द्वारा बच्चे को ऋषिकेश में ही किसी प्राइवेट हॉस्पॉटल पेनेसिया में रात के 2बजे के आसपास भर्ती करना पडा जहां आज सुबह तक उसका कोई खास इलाज नहीं हो पाया, और अब वह पीड़ित बच्चे को दिल्ली लेकर जा रहे हैँ।आप पार्टी उत्तराखंड राज्य सरकार से कडे शब्दों में पूछना चाहती हैँ कि ज़ब ऐम्स जैसे बड़े हॉस्पिटलो में इस तरह कि इमरजेंसी wali परेशानी का इलाज करने की कोई सुविधा नहीं हैँ और न ही उपयुक्त डॉक्टर न होना राज्य के पुरे स्वास्थ्य सिस्टम को डेमेज करने जैसा नहीं है क्या?
उरोक्त विषय पर आम आदमी पार्टी राज्य सरकर व राज्य में स्वास्थ्य के इतने बड़े तंत्र वाले हॉस्पिटलो से पूछना चाहती हैँ कि क्या वाकई में इन हॉस्पिटलो में इस प्रकार कि दुर्घटना वाले बच्चो के इलाज की सुविधा के यंत्र या मशीने आदि नहीं हैँ या फिर ये घटना इन अस्पतालो के सिस्टम और सरकार के स्वास्थ्य के सिस्टम की पोल खोलने का काम तो नहीं कर रही हैँ कही सरकार के इंसानियत के प्रति ईमानदारी की या फिर इनकी मरीजों के प्रति कामचोरी को उजागर करने का कार्य तो नहीं कर रही हैँ इतने बड़े नाम वाले हॉस्पिटल व डॉक्टर इतनी बड़ी हिला-हवाली कही गरीब व जरूरत मंदो के बच्चो को मरने के लिए मजबूर तो नहीं कर रहे हैँ। क्या इससे राज्य सरकार की राज्य के लोगो के प्रति संवेदनाओ से खिलवाड़ नहीं हो रहा हैँ महानगर देहरादून में इतने बड़े बड़े हॉस्पिटल, राज्य सरकार के तमाम स्वास्थ्य के ऑफिस सिस्टम यहां मौजूद होने के बावजूद भी एक बच्चा बिजली की तार की चपेट में आ जाता हैँ और उसके इलाज के लिए बच्चे के माता पिता को हॉस्पिटलो के चककर काटने के बावजूद भी उसे सही समय पर इलाज नहीं मिलना यह प्रकरण इंसानियत को तो शर्मशार करता ही हैँ साथ ही साथ यह मशला सरकार के स्वास्थ्य सिस्टम को भी धता बताने को उजागर करता हैँ जिसकी आम आदमी पार्टी निंदा करती बल्कि खुले व कडे शब्दों में भर्तसना करती हैँ और राज्य राज्य सरकार से,धामी जी से व राज्य के इतने बड़े स्वास्थ्य विभाग से सवाल करते हैँ कि उपरोक्त प्रकरण कि जिम्मेदारी कौन लेगा । हम मांग भी करते हैँ कि इस विषय पर सरकार के जिम्मेदार लोग जल्द से जल्द जाँच करवाए और दोषी अधिकारिओ को तुरंत बर्खास्त करें।और बच्चे को उपयुक्त व सही इलाज के लिए आगे आये जिससे उस बच्चे की जान बचाई जा सके ।
प्रेस वार्ता में आम आदमी पार्टी के प्रदेश संगठन सह समन्वयक डीके पाल , प्रदेश उपाध्यक्ष उमा सिसोदिया, प्रदेश प्रवक्ता खन्ना आदि उपस्तिथ रहे।
धन्यवाद
निवेदक
आम आदमी पार्टी
उत्तराखंड, राज्य देहरादून