रुड़की: नशे में चूर होकर अक्सर आदमी दुनिया ही भूल जाता है ओर जनता को कीड़े-मकोड़े समझता है। वह नशा चाहे शराब का हो या दौलत का।
ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया, जहां दौलत के नशे में चूर जेसीपी अध्यक्षा भावना पांडे ने लक्सर रोड लंढौरा में एक ढाबे पर खाना खाने के बाद पैसे नहीं दिए और बाद में नोट फाड़कर ढाबा स्वामी पर ही उड़ा दिए। यह घटना पुलिस कर्मियों के सामने की बताई गई है। बाद में ढाबा स्वामी की तहरीर पर मंगलौर पुलिस ने भावना पांडे के खिलाफ भारतीय मुद्रा के कागज के नोट फाड़ने के आरोप में मुकदमा दर्ज जांच शुरू कर दी है।
जब मीडिया कर्मियों ने भावना पांडे से नोट फाड़ने की बाबत सवाल किया, तो भावना पांडे ने जवाब देने के बजाय पत्रकार को ही उमेश समर्थक बोलते हुए कहा कि उन्होंने बिल फाडा था। वही फटे हुए नोट देखकर साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऐसे लोग भारतीय मुद्रा की कितनी क़द्र करते है।
वहीं जब इस संबंध में सीओ मंगलौर बीएस चौहान से जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने फोन पर ही बताया कि मुकदमा दर्ज हो गया है और एफआईआर के आधार पर ही ख़बर चला दो, उनके इस वक्तव्य से साफ जाहिर होता है कि इस गंभीर प्रकरण में वह कितनी सक्रियता दिखा रहे है। कुल मिलाकर जिस तरह भावना पांडे ने जोश में आकर भारतीय मुद्रा के नोट फाड़ने का साहस किया है, उससे जाहिर है कि भावना के लिए भारतीय मुद्रा कोई महत्व नही रखती ओर पुलिस की हीलाहवाली कार्रवाई भी सवाल उठा रही है।