रुड़की के बेलडा गांव में एक पखवाड़ा पूर्व युवक की मौत के मामले में आक्रोशित लोगों द्वारा पथराव व आगजनी की घटना को अंजाम दिया गया था, तो वहीं बचाव में पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे थे।
इस मामले में पुलिस ने सैकड़ों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दर्जनों को जेल भेजा था। जिसके बाद कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी गांव में पीड़ित परिवार से मिले थे।
घटना की शिकायत पर आज बुधवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हालदार बेलडा में पहुंचे, जहां उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर उनसे जानकारी ली। उपाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि घटना को लेकर निष्पक्ष कार्रवाई कराई जाएगी, जो दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बेगुनाह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, वहीं उन्होंने कहा कि मामले में राजनीति न की जाए, सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा। इसके बाद अनुसुचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष तहसील स्थित सभागार में पहुंचे, जहां उन्होंने विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मंडल व प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की ओर बेलड़ा प्रकरण के मामले में निष्पक्ष जांच के आदेश दिए। साथ ही उन्होंने दोनों पक्षो के घटना के वीडियो फुटेज भी देखे। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में जिस प्रकार पुलिस कार्रवाई होनी थी, वह नही हुई। इसमें पुलिस की लापरवाही भी सामने आई। उन्होंने बताया कि मामले की जांच सीबीसीआईडी से कराई जाएगी और पीड़ित मृतक महिला को सरकारी नौकरी दिए जाने के साथ ही मृतक के दोनों बच्चों की ग्रैजुएशन तक निशुल्क पढ़ाई व दो किस्तों में साढ़े आठ लाख रुपये की आर्थिक मदद की सरकार की ओर से दी जाएगी। साथ ही बताया कि 302 ल मुकदमा दर्ज किया जायेगा ओर तीन माह का राशन पीड़ित परिवार को दिलाया जायेगा। साथ ही बताया कि पुलिस कार्यशैली को लेकर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुख्यत षड्यंत्र सामने आया है। बताया कि दोनों पक्षो में कमी है। उन्होंने बताया कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को लेकर जागरूकता होना जरूरी है। उन्होंने यह भी बताया कि निर्दोष लोगों पर कार्रवाई नही होनी चाहिए।