लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले भगवान श्रीराम के कार्यों में जुटेंगे और उसके बाद अगला दांव समान नागरिक संहिता का होगा। उत्तराखंड में यूसीसी का इंतजाम करने से पहले सीएम देवभूमि के वातावरण को राम मय बनाने के अभियान में जुटेंगे। भाजपा की ओर से सभी पार्टी सांसदों, विधायकों, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अलग-अलग कार्यक्रम दिए गए हैं। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले भगवान श्रीराम के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उपलक्ष्य में देवभूमि को राम मय बनाने की योजना है। सियासी हलकों में सबकी निगाहें मुख्यमंत्री धामी पर लगी हैं कि वे कब समान नागरिक संहिता राज्य में लागू करते हैं। उन्होंने कहा, इस महीने में यूसीसी की विशेषज्ञ समिति उन्हें ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंप देगी, लेकिन इस दांव को धामी बाद में चलेंगे। सबसे पहले उनका इरादा भगवान श्रीराम और अयोध्या से राज्य की जनता को कनेक्ट करने का है। इसके तहत अधिकारियों के साथ सुबह की ब्रीफिंग बैठक की शुरुआत राम भजन से हो रही है। उत्तराखंड से अयोध्या को सीधे परिवहन सेवा से जोड़ने के लिए उन्होंने हवाई और रेल सेवा का मुद्दा उठाया है। उन्होंने केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री और रेल मंत्री को पत्र भी लिख दिया है। राज्य के प्रमुख शहरों से सीधे अयोध्या के लिए रोडवेज बस सेवा भी शुरू होने जा रही है। अयोध्या में राज्य सरकार एक भव्य उत्तराखंड निवास की योजना भी बना चुकी है। इसके लिए सरकार को उत्तर प्रदेश से भूमि आवंटन का इंतजार है। अयोध्या से होकर बहने वाली सरयू नदी का संबंध भी उत्तराखंड से है। यह बागेश्वर जिले से उत्पन्न होती है और शारदा नदी में विलय होती है और काली नदी के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य से गुजरती है। मुख्यमंत्री ने बागेश्वर में होने वाले उत्तरायणी मेले को अयोध्या थीम पर करने के भी निर्देश दिए हैं।